बठिंडा में फार्मास्यूटिकल पार्क बनाए जाने की मांग

बठिंडा में फार्मास्यूटिकल पार्क बनाए जाने की मांग

चंडीगढ़
पंजाब के वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल ने शुक्रवार को नई दिल्ली में केंद्रीय रसायन, उर्वरक एवं फार्मास्यूटिकल मंत्री मनसुख एल मांडविया से मुलाकात करके बठिंडा में फार्मास्यूटिकल पार्क बनाए जाने की मांग की। उन्होंने कहा कि यह पार्क पूरे देश, खासकर उत्तर भारत के पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, पश्चिमी उत्तरप्रदेश, उत्तराखंड, जम्मू और कश्मीर और लद्दाख के लिए उपयोगी साबित होगा। केंद्रीय मंत्री ने मनप्रीत बादल की मांग पर ध्यानपूर्वक विचार करने के बाद भरोसा दिया कि इस फार्मा पार्क के लिए वह बठिंडा को सबसे अधिक प्राथमिकता देंगे। मनप्रीत बादल ने कहा कि सरहदी राज्य होने के कारण पंजाब के लिए अपने नौजवानों को रोजगार देना बेहद जरूरी है, ताकि वह पड़ोसी दुश्मनों के गलत मंसूबों का शिकार होने से बच सकें।

तीन लाख लोगों को मिलेगा रोजगार
बादल ने कहा कि बठिंडा में फार्मास्यूटिकल पार्क की स्थापना से लगभग एक लाख लोगों को प्रत्यक्ष और करीब दो लाख लोगों को अप्रत्यक्ष तौर पर रोजगार मिलेगा। बठिंडा में पूरी तरह कार्यशील ए स्तर का रेलवे स्टेशन, 1350 एकड़ से अधिक जमीन और तेल रिफाइनरी उपलब्ध है, जो इस जगह को फार्मा पार्क के लिए उपयुक्त बनाता है। इसके साथ ही 134 एकड़ में मौजूद पानी के विभिन्न स्रोत और झीलें इस फार्मा पार्क को स्थापित करने, इसके रखरखाव और संचालन के लिए लाभप्रद होंगे।

कई संस्थानों को मिलेगा लाभ
बादल ने बताया कि फार्मा उद्योग को यूएसएफडीए से मंजूरशुदा बड़ी फार्मास्यूटिकल कंपनियों सन फार्मा, सेंट्रिएंट और आईओएल केमिकल्स से भी सहायता प्राप्त होगी। बठिंडा में इस पार्क को स्थापित करने से आरएंडडी ईको सिस्टम, नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फार्मास्यूटिकल एजुकेशन एंड रिसर्च (नाईपर), इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस एजुकेशन एंड रिसर्च (आइसर) और नैनो टेक्नोलॉजी इंस्टीट्यूट, मोहाली के अलावा ऑल इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (एम्स, बठिंडा) और माईक्रोबायल टेक्नोलॉजी संस्थान को भी लाभ मिलेगा।

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